क्या है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है. इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है. इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था. डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं. अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है.
कोरोना की पहचान के लिए इन लक्षणों पर गौर करें
तेज बुखार आनाः अगर किसी व्यक्ति को सुखी खांसी के साथ तेज बुखार है तो उसे एक बार जरूर जांच करानी चाहिए. यदि आपका तापमान 99.0 और 99.5 डिग्री फारेनहाइट है तो उसे बुखार नहीं मानेंगे. अगर तापमान 100 डिग्री फ़ारेनहाइट (37.7 डिग्री सेल्सियस) या इससे ऊपर पहुंचता है तभी यह चिंता का विषय है.
कफ और सूखी खांसीः पाया गया है कि कोरोना वायरस कफ होता है मगर संक्रमित व्यक्ति को सुखी खांसी आती है.
सांस लेने में समस्याः कोरोना वायरस से संक्रमित होने के 5 दिनों के अंदर व्यक्ति को सांस लेने में समस्या हो सकती है. सांस लेने की समस्या दरअसल फेफड़ो में फैलते कफ के कारण होती है.
फ्लू–कोल़्ड जैसे लक्षणः विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर कभी-कभी बुखार, खांसी, सांस में दिक्कत के अलावा फ्लू और कोल्ड जैसे लक्षण भी हो सकते हैं. डायरिया और उल्टीः कोरोना से संक्रमित लोगों में डायरिया और उल्टी के भी लक्षण देखे गए है. करीब 30 प्रतिशत लोगों में इस तरह के लक्षण पाये गए हैं.
सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमीः बहुत से मामलों में पाया गया है कि कोरोना से संक्रमित लोगों को सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमी आती है.
माना जा रहा है कोरोना वायरस के लक्षण दिखना शुरु होने में औसतन पांच दिन का वक्त लग सकता है लेकिन कुछ लोगों में ये वक्त कम भी हो सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है.
क्या हैं इससे बचाव के उपाय?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनके मुताबिक, हाथों को साबुन से धोना चाहिए. अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्यू पेपर से ढककर रखें. जिन व्यक्तियों में कोल्ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें. अंडे और मांस के सेवन से बचें. जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें.
क्या है कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज?
कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों का अन्य दवाइयों के साथ इलाज किया जा रहा है. वैज्ञानिक कोरोना वायरस का इलाज और वैक्सीन बनाने का काम कर रहे हैं. रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन इस समय एचआईवी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा आलुविया से कोरोना का इलाज करने की कोशिश में जुटा है. डॉक्टर का कहना है कि कोरोना से प्रभावित या संक्रमित व्यक्ति का इलाज विशेषज्ञ की निगरानी में ही कराया जाना चाहिए. आम तौर पर आप सर्दी-जुकाम कम करने के प्राकृतिक उपाय कर कोरोना के संक्रमण पर काफी हद तक काबू पा सकते हैं. इसके लिए रूम ह्युमिडिफायर का उपयोग या गर्म पानी से नहाने जैसे काम किये जा सकते हैं.
Covid 19
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization – WHO) ने कोरोनावायरस (Coronavirus) को आधिकारिक नाम दे दिया है. अब कोरोनावायरस को इसके नए नाम कोविड 19 (Covid 19) से जाना जाएगा. इससे अब तक 45 हजार से लोग ज्यादा संक्रमित हैं.कोविड 19 (Covid 19) नाम विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization – WHO) ने दिया है. यहां CO का मतलब ‘कोरोना’, VI का मतलब Virus, D का मतलब ‘Disease’ और ’19’ साल 2019 के लिए, जब यह बीमारी पैदा हुई.
ये वायरस आपके शरीर में तब प्रवेश करता है जब आप संक्रमित बूंदों को सांस के द्वारा अंदर खींच लेते हैं या फिर आप किसी संक्रमित सतह को छू लेते हैं और फिर उन्हीं हाथों से अपनी आंखें, मुंह या नाक छूते हैं। इसके बाद वायरस के कण गले तक पहुंच जाते हैं और कोशिकाओं पर छिपक जाते हैं और अपनी आनुवंशिक सामग्री कोशिकाओं में ट्रांसफर कर देते हैं। जिससे मानव कोशिकाएं ऐसे कारखाने में तबदील हो जाती है जो और ज़्यादा वायरस कणों का उत्पादन करने लगती है। जैसे-जैसे वायरस बढ़ने लगता है, यह गले के नीचे चला जाता है। जिससे बुख़ार और खांसी शुरू हो जाती है। जो इस बात का संकेत है कि इम्यून सिस्टम इस वायरस से लड़ रहा है। कोरोना वायरस से संक्रमित कई लोगों में इसके लक्षण बिल्कुल नहीं दिखते हैं। गंभीर मामलों में, जब वायरस फेफड़ों में पहुंचता है, तो यह सूजन यानी इंफ्लामेशन को पैदा करता है। जिससे फेफड़ों को रक्तप्रवाह में ऑक्सीजन भेजने में कठिनाई आती है। इस वजह से फेफड़ों में पानी भरना शुरू हो जाता है और सांस लेने में मुश्किल आने लगती है। कई मरीज़ों को सांस लेने में मदद के लिए वेंटीलेटर का सहारा लेना पड़ता है।
चीन के डाटा के अनुसार, ऐसा कोरोना वायरस के 7 में से एक मरीज़ के साथ होता है। कोरोना वायरस की वजह से जिन लोगों ने जान गंवाई हैं या गंभीर हालत में हैं, उनमें से ज़्यादातर पहले से ही किसी बीमारी से ग्रस्त थे, जिसकी वजह से उनका इम्यून सिस्टम काफी कमज़ोर था। गंभीर रूप से बीमार होने वाले 6% लोगों में, फेफड़े की सूजन इतनी गंभीर है कि शरीर को जीवित रहने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
कोरोना वायरस अब चीन में उतनी तीव्र गति से नहीं फ़ैल रहा है जितना दुनिया के अन्य देशों में फैल रहा है. कोविड 19 नाम का यह वायरस अब तक 200 से ज़्यादा देशों में फैल चुका है. दुनिया भर में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या करीब 17 लाख पर पहुंच गयी है, जबकि कोविड 19 से मरने वाले लोगों की संख्या भी एक लाख के ऊपर पहुंच चुकी है. भारत में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 7400 से अधिक मामले सामने आए हैं. कोरोना से संक्रमित लोगों में से भारत में मरने वाले लोगों की संख्या 239 हो गयी है. कोरोना के संक्रमण के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए सावधानी बरतने की ज़रूरत है ताकि इसे फैलने से रोका जा सके