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महान गणितज्ञ: श्री वशिष्ठ नारायण सिंह जी

१४ नवंबर २०१९ को पटना, बिहार, भारत के रहने वाले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का निधन हो गया| वे ७४ वर्ष के थे| लम्बी बीमारी और बुढ़ापे के चलते गत गुरुवार उन्होंने शरीर त्याग दिया| उनका इलाज पटना मेडिकल कॉलेज व् हस्पताल में चल रहा था|

वे बचपन से ही अत्यंत मेधावी छात्र थे और उनकी गणित में पारंगता का कोई जवाब नहीं था| उनकी गणित में इतनी अच्छी पकड़ थी की उन्होंने महान वैज्ञानिक आइंस्टीन को भी चुनौती दे डाली थी| इतने महान गणितज्ञ भारत की भूमि पर पैदा हुए यह हम भारतीयों के लिए बहुत गौरव  की बात है| प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी समेत कई फ़िल्मी हस्तियों जैसे ह्रितिक रोशन ने उनकी मृत्यु पर शोक जताया है|

इस दुःखद खबर से भी बड़ी दुःख की खबर यह है की जब उनका निधन हुआ तो उनके पार्थिव शरीर को एम्बुलेंस तक मुहैय्या नहीं हो पायी और प्रशासन की तरफ से भी कोई सुविधा उपलब्ध  नहीं हुई | डेढ़-दो घंटे की मशक्क्त के बाद एम्बुलेंस का इंतज़ाम हुआ और फिर पटना सरकार भी हरकत में आयी| इस खबर के फैलने के बाद पटना के मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार जी ने राजकीय तरीके से श्री वशिष्ठ जी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कराने की घोषणा की| तिरंगे में लपेट कर उनके  पार्थिव शरीर को अंतिम विदाई दी गयी |

सूत्रों के मुताबिक उनका जीवन अधिकतर गुमनामी, परेशानी, और बदहाली में ही गुज़रा| उनके गणित पर शोध के चर्चे भारत से लेकर अमरीका तक रहे हैं | उनकी शोध दुनिया के सामने आ पाती उससे पहले ही उनकी शोध को चुरा लिया गया था | जिससे वे बहुत दुःखीऔर क्षुब्ध हो गए थे और उनका बाकि जीवन नीरसता में व्यतीत हुआ|

अब सवाल यह बनता है कि हमारे देश में ऐसे सपूतों की यह दुर्दशा कब तक चलेगी?
बुढ़ापे, बीमारी और आर्थिक रूप से परेशानी में जीवन के आखरी दिन व्यतीत करने वाली हस्तियों के ऐसे अनेक उदाहरण हमारे सामने है |

क्या ऐसे दिग्गजों को यही सम्मान दिया जायेगा नयी पीढ़ी की ओर से? क्या उनकी राष्ट्र की  सेवा का यही मोल है? क्या ऐसे बनेगा भारत विश्व गुरु जो अपने ही गुरुओं का सम्मान नहीं करता, उनका हाल-चाल नहीं लेता, उनके बारे कोई खोज-खबर नहीं रखता| वशिष्ठ नारायण सिंह जैसे रत्नों की भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में जय-जयकार होनी चाहिए| हम अपने बड़ोंको नहीं पूछेंगे तो हमे कौन पूछेगा?मैं भारत सरकार से अपील करता हूँ कि बुढ़ापे कि देहलीज़ पर कदम रख चुके हमारे देश के ऐसे सितारों के लिए आर्थिक, सामाजिक और चिकित्सिक सुरक्षा के लिए कुछ ठोस कदम उठाएं जाएं ताकि हमारे बड़े अपने अंतिम दिनों में खुद को हारा हुआ और उपेक्षित  महसूस न करें और शांति से अपने बुढ़ापे का आनंद ले सकें|

हमारी तरफ से माँ भारती के लाल महान गणितज्ञ श्री वशिष्ठ नारायण सिंह जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि| प्रभु उन्हें स्वर्ग में स्थापित करें| नमन |
भारत माता कि जय
ॐ नमः शिवाय

सोर्स: आजतक

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